गणपति पूजा

गणपति पूजा के विशेष दिन

  • गणेश चतुर्थी
  • बुधवार (गणेश जी का विशेष दिन)
  • किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले।

गणपति पूजा का महत्व

  1. जीवन से सभी प्रकार के विघ्नों और बाधाओं का नाश होता है।
  2. सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
  3. बुद्धि और विवेक का विकास होता है।
  4. कार्यों में सफलता और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
भगवान गणेश की पूजा श्रद्धा और भक्तिभाव से करें, और जीवन में उनके आशीर्वाद से विघ्नमुक्त और सुखमय जीवन का आनंद लें।

गणपति पूजा

गणपति पूजा भगवान गणेश की आराधना का विशेष अनुष्ठान है, जिसे किसी भी शुभ कार्य से पहले किया जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता (सभी बाधाओं को दूर करने वाले) और शुभता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। गणपति पूजा विधि को सही तरीके से करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है।

गणपति पूजा की सामग्री

  1. भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र।
  2. सिंदूर, चंदन, हल्दी, और अक्षत (चावल)।
  3. दुर्वा (21 तिनके की माला)।
  4. लाल और पीले रंग के फूल।
  5. फल, विशेषकर नारियल और मोदक।
  6. अगरबत्ती, घी या तेल का दीपक।
  7. सुपारी, पान, इलायची और बताशे।
  8. जल से भरा कलश।
  9. पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, और गंगाजल का मिश्रण)।

गणपति पूजा की विधि

1. स्थापना और आसन

  • पूजा स्थल को स्वच्छ करें और गणेश जी की मूर्ति को एक साफ लाल या पीले वस्त्र पर रखें।
  • पूजन के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।

2. गणपति ध्यान (आह्वान)

  • भगवान गणेश का ध्यान करते हुए निम्न श्लोक पढ़ें:
    वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

3. पंचामृत से स्नान

  • गणेश जी को गंगाजल और पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और जल) से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें साफ कपड़े से पोंछ लें।

4. पूजन सामग्री अर्पण

  • गणेश जी को चंदन, सिंदूर, अक्षत, और फूल अर्पित करें।
  • 21 दुर्वा (घास) और 21 मोदक या लड्डू अर्पित करें।

5. दीप और अगरबत्ती

  • घी या तेल का दीपक जलाकर गणेश जी की पूजा करें।
  • अगरबत्ती जलाकर उनकी स्तुति करें।

6. गणेश मंत्र जप

भगवान गणेश के निम्न मंत्रों का जप करें:

  • ॐ गं गणपतये नमः।
  • ॐ वक्रतुंडाय हुं।
  • ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात्॥

7. गणपति स्तुति

गणेश जी की स्तुति में निम्न श्लोक पढ़ें:
गजाननं भूतगणादि सेवितं, कपित्थ जम्बूफल चारु भक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारणं, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥

8. आरती

  • गणेश जी की आरती करें:
    जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
    माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

9. प्रसाद वितरण

  • भगवान गणेश को अर्पित लड्डू या मोदक प्रसाद स्वरूप वितरित करें।