दुर्गा पूजा

देवी कवच (दुर्गा सप्तशती से):

ॐ सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥

(इस मंत्र में देवी से सभी भय और संकटों से रक्षा की प्रार्थना की जाती है।)

दुर्गा गायत्री मंत्र:

ॐ कात्यायनाय विद्महे कन्याकुमार्ये धीमहि।
तन्नो दुर्गिः प्रचोदयात्॥

(यह गायत्री मंत्र देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।)

दुर्गा स्तुति श्लोक:

सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरि विनाशनम्॥

(यह श्लोक सभी बाधाओं के नाश और शत्रुओं से मुक्ति के लिए है।)

दुर्गा चालीसा का पहला श्लोक:

नमो नमो दुर्गे सुख करनी।
नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी।
तिहूं लोक फैली उजियारी॥

इन श्लोकों और मंत्रों का पाठ दुर्गा पूजा के दौरान विधि-विधान से करने से माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

दुर्गा पूजा

दुर्गा पूजा के दौरान देवी दुर्गा की स्तुति के लिए विभिन्न श्लोक और मंत्रों का पाठ किया जाता है। ये श्लोक देवी की महिमा का वर्णन करते हैं और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। यहाँ कुछ प्रसिद्ध श्लोक और स्तुति मंत्र दिए गए हैं:

 

दुर्गा पूजा श्लोक:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धि-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

(यह श्लोक सभी देवी स्वरूपों की वंदना करता है।)

अर्गला स्तोत्र:

जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्तिहारिणि।
जय सर्वगतां देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥

सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥