राहु केतु जाप

राहु-केतु जाप के लाभ
- दोषों का नाश: राहु-केतु के दुष्प्रभाव से उत्पन्न समस्याओं का निवारण होता है।
- मानसिक शांति: मानसिक तनाव, भय और अनिश्चितता में कमी आती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- सफलता में वृद्धि: जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- कर्ज और आर्थिक संकट से मुक्ति: आर्थिक समस्याओं से राहत मिलती है।
विशेष ध्यान
- राहु और केतु के प्रभावों को समाप्त करने के लिए इस जाप को नियमित रूप से करना चाहिए।
- अगर किसी व्यक्ति के जन्मकुंडली में राहु और केतु अशुभ स्थान पर स्थित हैं, तो यह जाप विशेष रूप से लाभकारी होता है।
- राहु-केतु का जाप केवल कर्म और श्रद्धा से किया जाना चाहिए, जिससे जीवन में स्थायी परिवर्तन हो।
राहु-केतु जाप से जीवन में आ रही कठिनाइयाँ दूर होती हैं, और यह व्यक्ति को मानसिक शांति, समृद्धि और सफलता की दिशा में आगे बढ़ने में सहायता करता है।
राहु केतु जाप
राहु-केतु जाप एक महत्वपूर्ण वैदिक जाप है, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए किया जाता है जिनके जीवन में राहु और केतु ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव होते हैं। राहु और केतु छाया ग्रह माने जाते हैं, और ये दोनों ग्रह व्यक्ति के जीवन में मानसिक और शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं। इन ग्रहों का शांति साधना और प्रतिकूल प्रभाव से मुक्ति के लिए जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है।
राहु-केतु जाप मंत्र
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राहु के लिए मंत्र:
ॐ राहवे नमः।- इस मंत्र का जप राहु के प्रभाव को शांत करने और जीवन में सुधार लाने के लिए किया जाता है।
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केतु के लिए मंत्र:
ॐ केतवे नमः।- इस मंत्र का जप केतु के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए किया जाता है।
राहु-केतु जाप की विधि
1. स्थान और समय का चयन
- राहु-केतु जाप का आयोजन मंगलवार, शनिवार या राहु-केतु के विशेष दिन जैसे कि राहु काल के दौरान किया जा सकता है।
- एक शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें और अपने मुंह को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें।
2. शुद्धिकरण और संकल्प
- जाप शुरू करने से पहले हाथ-पैर धोकर शुद्धिकरण करें।
- अपने मन में संकल्प लें कि आप राहु-केतु के दुष्प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए यह जाप कर रहे हैं।
3. माला का प्रयोग
- राहु-केतु जाप के लिए रुद्राक्ष या सफेद तुुलसी की माला का उपयोग करें।
- माला को दाहिने हाथ से पकड़ें और अंगूठे और मध्यमा अंगुली के बीच रखें।
4. जाप की संख्या
- रोज़ाना 108 बार राहु के लिए ॐ राहवे नमः और केतु के लिए ॐ केतवे नमः मंत्र का जाप करें।
- यदि समय कम हो, तो न्यूनतम 11 बार जाप करें।
5. ध्यान और एकाग्रता
- मंत्र का जाप करते समय भगवान के रूप में अपने मन में राहु और केतु का ध्यान करें।
- अपने विचारों को एकाग्र करके पूरी श्रद्धा के साथ मंत्र का उच्चारण करें।
6. पूजा समाप्ति और प्रार्थना
- जाप के बाद भगवान से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन से राहु और केतु के नकारात्मक प्रभावों को दूर करें और शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करें।