शिव गौरी पूजा

शिव-गौरी पूजा का महत्व

  1. दांपत्य जीवन में सामंजस्य: यह पूजा पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ाती है।
  2. सुख और समृद्धि: परिवार में सुख, शांति, और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
  3. संकटों का नाश: पूजा से जीवन के कष्ट और संकट समाप्त होते हैं।
  4. शुभ विवाह: अविवाहित लोग इस पूजा को करने से अच्छा जीवनसाथी प्राप्त कर सकते हैं।

विशेष ध्यान

  • शिव-गौरी पूजा सोमवार या महाशिवरात्रि के दिन करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  • पूजा के दौरान पवित्रता और श्रद्धा का ध्यान रखें।
  • व्रत के साथ इस पूजा को करने से अधिक फल प्राप्त होता है।

शिव-गौरी पूजा से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त कर जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाएं।

 
 

शिव गौरी पूजा

शिव-गौरी पूजा भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त पूजा है। यह पूजा वैवाहिक जीवन में प्रेम, सामंजस्य, और सुख-शांति के लिए की जाती है। शिव और गौरी को समर्पित इस पूजा का विशेष महत्व महाशिवरात्रि, हरियाली तीज, और करवा चौथ के अवसर पर होता है। इसे दांपत्य जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।

शिव-गौरी पूजा की सामग्री

  1. भगवान शिव और माता गौरी (पार्वती) की मूर्ति या चित्र।
  2. बेलपत्र, धतूरा, और आक के फूल।
  3. अक्षत (चावल), चंदन, और सिंदूर।
  4. दूध, दही, शहद, गंगाजल और घी।
  5. फल, मिठाई, और पंचामृत।
  6. अगरबत्ती, घी का दीपक।
  7. पान, सुपारी, और नारियल।
  8. लाल और सफेद वस्त्र।

शिव-गौरी पूजा की विधि

1. स्थान की शुद्धि और मूर्ति स्थापना:

  • पूजा स्थान को स्वच्छ करें।
  • भगवान शिव और माता गौरी की मूर्ति या चित्र को लाल और सफेद वस्त्र पर स्थापित करें।
  • मूर्ति के पास जल से भरा एक कलश रखें।

2. संकल्प और ध्यान:

  • शिव-गौरी पूजा का संकल्प लें और उनका ध्यान करें।
    ध्यान मंत्र:
    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
    उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

3. अभिषेक:

  • भगवान शिव और माता गौरी का अभिषेक करें।
  • दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
  • माता गौरी को गंगाजल से स्नान कराएं।

4. पूजन सामग्री अर्पण:

  • भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, और आक के फूल चढ़ाएं।
  • माता गौरी को लाल फूल, सिंदूर, और अक्षत अर्पित करें।
  • मिठाई और फल अर्पित करें।

5. दीप और धूप:

  • दीपक और अगरबत्ती जलाकर शिव-गौरी की पूजा करें।

6. मंत्र जप:

भगवान शिव और माता गौरी के निम्न मंत्रों का जप करें:

  • ॐ नमः शिवाय।
  • ॐ पार्वत्यै नमः।
  • ॐ शिवाय गौरीमयाय नमः।

7. शिव-गौरी स्तुति:

  • माता गौरी की स्तुति करें:
    सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
    शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते॥

  • भगवान शिव की स्तुति करें:
    करपूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
    सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि॥

8. शिव-गौरी आरती:

  • शिव-गौरी की आरती करें:
    जय शिव ओंकारा, हर शिव ओंकारा।
    ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥

9. प्रसाद वितरण:

  • पूजा समाप्ति पर पंचामृत और प्रसाद सभी को वितरित करें।