माता बगलामुखी

माँ बगलामुखी एक प्रमुख महाविद्या हैं और तंत्रशास्त्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं। वे विशेष रूप से “शक्ति” और “विजय” की देवी मानी जाती हैं। बगलामुखी को अपनी शक्ति के माध्यम से बाधाओं को दूर करने, शत्रुओं को परास्त करने, और असफलताओं को सफलता में बदलने के लिए पूजा जाता है। शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद में विजय के लिए इनकी उपासना की जाती है। इनकी उपासना से शत्रुओं का स्तम्भन होता है तथा जातक का जीवन निष्कंटक हो जाता है। किसी छोटे कार्य के लिए १०००० तथा असाध्य से लगाने वाले कार्य के लिए एक लाख मंत्र का जाप करना चाहिए। बगलामुखी मंत्र के जाप से पूर्व बगलामुखी कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए। माँ नवयौवना हैं और पीले रंग की सा‌‌ङी धारण करती हैं । सोने के सिंहासन पर विराजती हैं । तीन नेत्र और चार हाथ हैं । सिर पर सोने का मुकुट है । स्वर्ण आभूषणों से अलंकृत हैं । शरीर पतला और सुंदर है । रंग गोरा और स्वर्ण जैसी कांति है । सुमुखी हैं । मुख मंडल अत्यंत सुंदर है जिस पर मुस्कान छाई रहती है जो मन को मोह लेता है । यदि देवी बगलामुखी की आराधना इनके शक्तिपीठों पर की जाए तो प्रभावी होती है।

देश मे माता बगलामुखी के केवल 3 शक्तिपीठ है जो दतिया, कांगड़ा और नलखेड़ा में स्थित है।

बगलामुखी शक्ति पीठ, नलखेड़ा

  • मध्य प्रदेश के नलखेड़ा में देवी बगलामुखी का प्राचीन मंदिर है जो नदी किनारे स्थित है। 
  • इस मंदिर में मां बगलामुखी की प्रतिमा स्वयंभू है। 
  • ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना महाभारत युद्ध में विजय प्राप्ति के लिए स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण के निर्देशानुसार की थी।
  • इस मंदिर में लोग मुख्यत विजय प्राप्ति के लिए यज्ञ, हवन या पूजन-पाठ कराते हैं।

पीतांबरा मंदिर, दतिया

  • देश के लोकप्रिय शक्तिपीठों में से एक है पीताम्बरा शक्तिपीठ जो मध्यप्रदेश राज्य के दतिया में स्थापित है। 
  • कहा जाता है कि माँ के दरबार मे मांगी गई मन्नत अवश्य पूरी होती है। 
  • माँ बगलामुखी शत्रु नाश एवं राजसत्ता की देवी है। 
  • इसी मंदिर में भारत-चीन युद्ध के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देश की रक्षा के लिए माँ बगलामुखी का 51 कुंडीय महायज्ञ कराया था। 
  • मान्यता है कि इस मंदिर में स्थित देवी की मूर्ति दिन में तीन बार अपना रूप बदलती है।

बगलामुखी मंदिर, कांगड़ा

  • हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में प्रसिद्ध शक्तिपीठ बगलामुखी मंदिर स्थित है। 
  • देवी बगलामुखी को समर्पित यह मंदिर प्राचीनकाल से ही हिन्दू धर्म के लोगों की आस्था का केन्द्र रहा है। 
  • बगुलामुखी का यह मंदिर महाभारत कालीन माना जाता है।
  • बगलामुखी मन्दिर में भक्तजन मनोकामना की पूर्ति व कष्टों के निवारण के लिए हवन, यज्ञ एवं पूजा कराते है।

5100 मंत्र जाप

माँ बगलामुखी के मंत्र जाप से भक्तों के जीवन में आने वाली समस्याओं का नाश होता है। माँ बगलामुखी का मंत्र जाप करने से मन शांत होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है। जातक की आंतरिक चेतना जागृत होती है और जीवन में स्थिरता आती है।

₹ 3,151/-

(1 आचार्य और 1 पंडित सहित 2 दिवसीय अनुष्ठान)

11000 मंत्र जाप

माँ बगलामुखी के मंत्र जाप से भक्तों के जीवन में आने वाली समस्याओं का नाश होता है। माँ बगलामुखी का मंत्र जाप करने से मन शांत होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है। जातक की आंतरिक चेतना जागृत होती है और जीवन में स्थिरता आती है।

₹ 7,151/-

(1 आचार्य और 2 पंडित सहित 3 दिवसीय अनुष्ठान)

21000 मंत्र जाप

माँ बगलामुखी के मंत्र जाप से भक्तों के जीवन में आने वाली समस्याओं का नाश होता है। माँ बगलामुखी का मंत्र जाप करने से मन शांत होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है। जातक की आंतरिक चेतना जागृत होती है और जीवन में स्थिरता आती है।

₹ 15,051/-

(2 आचार्य और 2 पंडित सहित 4 दिवसीय अनुष्ठान)

51000 मंत्र जाप

माँ बगलामुखी के मंत्र जाप से भक्तों के जीवन में आने वाली समस्याओं का नाश होता है। माँ बगलामुखी का मंत्र जाप करने से मन शांत होता है, आत्मविश्वास बढ़ता है। जातक की आंतरिक चेतना जागृत होती है और जीवन में स्थिरता आती है।

₹ 35,151/-

(3 आचार्य और 4 पंडित सहित 7 दिवसीय अनुष्ठान)

 

सामूहिक हवन अनुष्ठान

₹ 1100/

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